जून में मिलेगा नियुक्ति पत्र
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविंद्रन शंकरण ने बताया कि जून 2025 में एक विशेष समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी 88 खिलाड़ियों को उनकी नियुक्तियों के पत्र सौंपे जाएंगे। इनमें से 21 खिलाड़ियों को दरोगा (Sub-Inspector) की पोस्ट पर तैनात किया जाएगा।
महिला खिलाड़ियों के लिए विशेष पॉलिसी
महिला खिलाड़ियों की सेहत और खेल के प्रति उनकी निरंतरता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार एक मेंस्ट्रूअल हेल्थ पॉलिसी भी लाने जा रही है। एक साल तक चले सर्वे में पता चला कि 75% महिला खिलाड़ी पीरियड्स के दौरान खेल नहीं पातीं। इसकी वजह ब्लीडिंग, दाग लगने का डर और सामाजिक संकोच है। इसी को देखते हुए सरकार अब फीमेल हेल्थ अवेयरनेस सेंटर और मेंस्ट्रूअल हेल्थ पॉलिसी लागू करने जा रही है, जो अभी ड्राफ्ट स्टेज में है और जल्द कैबिनेट से मंजूरी के बाद लागू होगी।
अब तक कितनों को मिली नौकरी?
इस योजना के तहत अब तक 342 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। 2010 से 2020 के बीच 271 खिलाड़ियों को क्लर्क लेवल की नौकरियां मिलीं। ये आंकड़े बताते हैं कि सरकार खेल को गंभीरता से ले रही है और युवाओं को इसके लिए प्रोत्साहित कर रही है।
SDO और DSP बनने तक का मौका!
2023 में लागू हुई ‘बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति नियमावली 2023’ के तहत अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को बिना किसी लिखित परीक्षा के सरकारी नौकरी दी जाती है। 2023-24 में 71 खिलाड़ियों को नौकरी मिली, जिनमें 21 सब-इंस्पेक्टर बने। इस नीति के तहत भविष्य में खिलाड़ियों को DSP या SDO जैसे उच्च पदों तक भी पहुंचने का मौका मिलेगा।
बिहार सरकार की ये योजना खिलाड़ियों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने जा रही है। इससे युवाओं को न सिर्फ खेल के लिए प्रेरणा मिलेगी, बल्कि उनके करियर की भी गारंटी होगी। अगर आप या आपका कोई जानने वाला खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है, तो अब सिर्फ मेडल चाहिए — नौकरी खुद दरवाज़ा खटखटाएगी!