Lal Babu pandey SHEOHAR.आरसीबी के 18 सत्र के इंतजार के बाद पहले आईपीएल खिताब जीतने से शहर में जश्न का माहौल था जो बुधवार को गम में बदल गया। स्टेडियम के बाहर करीब दो लाख प्रशंसक जुटे थे जिन पर पुलिस नियंत्रण नहीं सकी। इससे अफरा तफरी फैल गई और 11 प्रशंसकों की मौत हो गई जबकि 30 से अधिक घायल हो गए। घटना इतनी भयावह थी कि बीसीसीआई तक को बयान देना पड़ा। बोर्ड ने बुधवार को मची भगदड़ के लिये तैयारियों में चूक को दोषी ठहराया, जबकि आरसीबी टीम प्रबंधन ने कहा कि क्रिकेटप्रेमियों की भावनाओं के साथ हमदर्दी रखनी चाहिए। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और 11 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की। उन्होंने यह भी बताया कि 30 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। सरकार ने मृतकों के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। यह खेल की दुनिया में पहली बार नहीं है जब किसी टीम का जश्न मातम में बदला। हाल ही में पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) के पहली बार चैंपियंस लीग जीतने पर भी जश्न मनाने के दौरान पेरिस में बवाल हुआ था, जिसमें कई लोग मारे गए थे।
6. पीएसजी की जीत का जश्न मातम में बदला (31 मई, 2025)
पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) की यूएफा चैंपियंस लीग में खिताबी जीत के बाद मचे उत्पात में दो प्रशंसकों की मौत हो गई, जबकि एक पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल होने के बाद कोमा में पहुंच गया। 31 मई को देर रात खेले गए मुकाबले में पीएसजी ने इटैलियन क्लब इंटर मिलान को 5-0 से रौंद दिया। यह पीएसजी का पहला चैंपियंस लीग खिताब है और इसके बाद पेरिस में जश्न मनाने के लिए लोग सड़कों पर आ गए। 5-0 से जीत पिछले 70 वर्षों में चैंपियंस लीग के फाइनल में किसी भी टीम की सबसे बड़ी जीत रही।
पेरिस में जश्न मनाने को लेकर खूब बवाल हुआ और पुलिस को मामले को शांत कराना पड़ा। इसके कई वीडियोज भी सामने आए। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फैंस ने पुलिस पर हमला भी किया। गाड़ियों में भी आग लगाई और जमकर बवाल काटा। राष्ट्रीय पुलिस सर्विस ने बताया कि जीत के बाद पीएसजी की स्ट्रीट पार्टी के दौरान एक 17 वर्षीय लड़के की मौत हो गई। पीएसजी के जश्न के दौरान कार से स्कूटर टकराने के बाद एक व्यक्ति की पेरिस में मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि इस मामले में 300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया।
5. लिवरपूल की जीत का जश्न मातम में बदला (26 मई, 2025)
लिवरपूल ने इंग्लिश प्रीमियर लीग का खिताब जीता। इसका जश्न मनाने के लिए लिवरपूल के प्रशंसकों ने परेड निकाली। इस दौरान एक कार ने भीड़ को कुचल दिया। इस घटना में 27 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। लिवरपूल ने 2019–20 के बाद पहली बार खिताब जीता था। जीत के जश्न विक्ट्री परेड के बाद मातम में बदल गया।
इंडोनेशिया में मातम में बदला जश्न (1 अक्तूबर, 2022)
इंडोनेशिया के पूर्वी जावा स्थित मलंग रीजेंसी के कंजुरुहान स्टेडियम में ये घटना हुई। घटना के वक्त अरेमा एफसी और पर्सेबाया सुरबाया के बीच मैच चल रहा था। मैच में अरेमा एफसी की टीम को हार मिली। अपनी टीम को हारता देख बड़ी संख्या में प्रशंसक मैदान की तरफ भागने लगे। इस दौरान कुछ लोगों ने खिलाड़ियों पर हमला कर दिया। पुलिस ने लोगों को काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। इससे हुई भगदड़ में 125 लोगों की जान चली गई। घटना के वक्त स्टेडियम में करीब 42 हजार लोग मौजूद थे
पेरू में 1964 में गई थी 300 लोगों की जान
बात 24 मई 1964 की है। पेरू की राजधानी लिमा में पेरू और अर्जेंटीना के बीच ओलंपिक क्वॉलिफाइंग मैच चल रहा था। मैच के दौरान रेफरी के एक फैसले के बाद कम से कम दो फैन दौड़कर बीच मैदान पर पहुंच गए। मैदान में घुसने की कोशिश कर रहे प्रशंसकों पर पुलिस कार्रवाई से मैदान में मौजूद अन्य प्रशंसक नाराज हो गए और हिंसा भड़क उठी। घटना के वक्त मैदान में 53 हजार से ज्यादा लोग मौजूद थे। इस हिंसा में 300 से ज्यादा लोगों की जान गई। वहीं, 500 से ज्यादा लोग घायल हुए।
दरअसल, मैच के अंतिम क्षणों में पेरू की टीम को गोल करने की कोशिश को अस्वीकार कर दिया। इससे मैदान में मौजूद पेरू के समर्थक भड़क गए। प्रशंसकों ने मैदान पर धावा बोल दिया। पुलिस पर भी हमला किया गया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इससे बहुत से प्रशंसक निकास द्वार के रास्ते में फंस गए। जो उस वक्त बंद था। ज्यादातर मौतें दम घुटने की वजह से हुई थीं।
1982: मॉस्को में मैच के दौरान हुई हिंसा में 66 लोगों की जान गई
ये घटना 20 अक्तूबर 1982 की है। नीदरलैंड की टीम हार्लेम और मॉस्को की स्पार्टक के बीच मॉस्को के लुझिनिकी स्टेडियम में मैच चल रहा था। इस मैच के दौरान करीब 15 हजार प्रशंसक मैच देख रहे थे। मैच के दौरान हुई भगदड़ में क्या हुआ ये कई वर्षों तक पता तक नहीं चल सका। घटना के करीब सात साल बाद 1989 में सोवियत मीडिया की रिपोर्ट्स में सामने आया कि इस घटना में 60 से लोगों की जान गई थी। वहीं, कुछ रिपोर्ट्स में मौतों का आंकड़ा 350 तक बताया गया था। शुरू में सोवियत मीडिया ने इस घटना के लिए डच टीम हार्लेम को इसके लिए दोषी बताया। हालांकि, बाद में ये बात सामने आई की पुलिस ने प्रशंसकों को स्टेडियम के एक कोने में एकत्र कर दिया था। एक ही जगह भीड़ बढ़ने से भगदड़ की शुरुआत हुई। इसे रूस में खेल की दुनिया के सबसे दर्दनाक हादसों में से एक माना जाता है।
1989: FA कप के सेमीफाइल में मची भगदड़ में गई 97 लोगों की जान
15 अप्रैल 1989 की बात है। FA कप का सेमीफाइनल मुकाबला लिवरपूल और नॉटिंघम फॉरेस्ट एफसी के बीच हो रहा था। शेफील्ड के हिल्सबरा स्टेडियम में ये मुकाबला चल रहा था। मैच के दौरान हुई घटना में 97 फुलबॉल प्रशंसकों की मौत हुई। शुरू में इस घटना के लिए लीवरपूल के प्रशंसकों को जिम्मेदार माना गया। हालांकि, 2016 में आई जांच रिपोर्ट में ये पता चला कि पुलिस की गलती की वजह से हिल्सबरा स्टेडियम में घटना हुई थी। 1989 में हुई इस घटना के बाद से ही मैचों के दौरान सुरक्षा सुधारों की शुरुआत हुई।