Today sheohar news;बिहार के जहानाबाद जिले के केंद्रीय विद्यालय की एक शिक्षिका का वीडियो आज सोशल मीडिया पर चर्चा में है। इस वीडियो को जो भी देख रहा है कि वह एक ही बात कह रहा कि इसने शिक्षक समुदाय को शर्मसार कर दिया। शिक्षिका द्वारा बोले गए अपशब्दों को सुनकर लोग हैरान हैं। दीपाली शाह नाम की इस शिक्षिका ने बिहार वासियों के लिए अपमानजनक और गंदी गालियों का इस्तेमाल किया। वह वीडियो में अपनी पोस्टिंग को लेकर भड़ास निकाल रही है। लोगों का कहना है कि दीपाली शाह ने जिस तरह की बातें की वह न केवल उनके शिक्षक के रूप में गरिमा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि बिहार वासियों का भी अपमान करता है। बिहार सरकार इस मामले को गंभीरता से और फौरन शिक्षिका पर कार्रवाई करे।
वायरल वीडियो में शिक्षिका ने ऐसा कहा
बताया जा रहा है कि दिल्ली की रहने वाली दीपाली शाह केंद्रीय विद्यालय के प्राइमरी सेक्शन में अंग्रेजी पढ़ाती हैं। अपने सोशल मीडिया पर शिक्षिका ने एक वीडियो जारी किया। इसमें वह अपनी पोस्टिंग को लेकर काफी नाराज नजर आ रही है। वीडियो में वह कह रही है कि "हमारी पोस्टिंग जहानाबाद जैसे जिले में क्यों की गई? हमें लद्दाख भेज देते, गोवा भेज देते, साउथ में भेज देते या किसी दूसरे प्रदेश में भेज देते। यहां क्यों भेजा गया?" यह उनकी नाराजगी को दर्शाता है कि वह अपनी पोस्टिंग से संतुष्ट नहीं है और इसका गुस्सा वह बिहार के लोगों पर उतार रही है।
डीएम बोलीं- जांच करवा रहे हैं
इस वायरल वीडियो के सामने आने के बाद, केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल रविन्द्र राम ने बताया कि शिक्षिका इसे अपना निजी मामला बता रही हैं, इसलिए वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। हालांकि, उन्होंने इस मामले की जानकारी वरीय प्रशासन को दे दी है। बिहार के जहानाबाद जिले की डीएम अलंकृता पांडेय ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि वायरल वीडियो की सत्यता की जांच की जाएगी और यदि शिक्षिका दोषी पाई जाती हैं, तो उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षिका पर कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मामला शिक्षक समुदाय के लिए एक गंभीर प्रश्न खड़ा करता है। एक शिक्षक का यह कर्तव्य है कि वह समाज में अच्छे आचार-व्यवहार और शब्दों का उपयोग करें, क्योंकि उनके द्वारा बोले गए शब्दों का व्यापक असर समाज पर पड़ता है। बिहार वासियों के प्रति ऐसी नफरत और अपशब्दों का इस्तेमाल किसी भी हाल में उचित नहीं ठहराया जा सकता। यह एक शिक्षक के रूप में उनकी जिम्मेदारी का उल्लंघन है, और उनका यह आचरण समाज के लिए अनुकरणीय नहीं हो सकता। वहीं स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने स्पष्ट कहा कि यह मामला एक शिक्षक के कर्तव्यों और समाज में उनके प्रभाव को लेकर महत्वपूर्ण सवाल खड़ा करता है। यदि यह मामला सही है तो संबंधित शिक्षिका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि समाज में यह संदेश जाए कि शिक्षक का आचरण, उनके शब्द और उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। एक शिक्षिका को इस तरह की अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।