जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, "प्रशांत किशोर को हमने लीगल नोटिस भेजा था. लीगल नोटिस पर उनका जवाब आया, लेकिन जवाब में ऐसा प्रतीत नहीं हुआ कि वे अपनी गलती मान रहे हैं. उन्होंने जो जवाब दिया वो भी संतोषजनक नहीं था… तो मेरे लिए जो संविधान के तहत अधिकार है उसके अलावा कोई उपाय नहीं था तो हमने मानहानि का केस दर्ज कराया है. या तो वो इस बात को प्रमाणित करें या माफी मांगें कि हमने अपनी बेटी को पैसा देकर टिकट दिलाया है."
'25 साल की बेटी सांसद है तो पच नहीं रहा है'
अशोक चौधरी ने कहा कि गोल-गोल घुमाने से नहीं होगा. आप (प्रशांत किशोर) तो राजनीतिक पार्टियों के व्यापारी हैं. राजनीतिक पार्टियों के काम के लिए पैसा लेते हैं. हम लोग तो शुद्ध राजनीति करते हैं. हमारी 25 साल की बेटी जो सांसद है तो इनको पच नहीं रहा है कि कम उम्र में दलित की बेटी पढ़-लिखकर सांसद हो गई, तो आप राजनीत में कुछ भी बोलकर जा नहीं सकते.
प्रशांत किशोर पर हमला करते हुए पत्रकारों से अशोक चौधरी ने कहा, "आप प्रमाणित करिए कि हमने चिराग पासवान को पैसा दिया है, लोजपा को पैसा दिया है और टिकट लिया है, नहीं तो माफी मांगिए. सुप्रीम कोर्ट तक केस लड़ेंगे. हमारे मां-बाप ने पढ़ाया-लिखाया है तो सिर्फ इसलिए नहीं कि एमपी-एमएलए बन जाइए. हम उस समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं जिस समाज के पास लंबे समय तक आवाज नहीं थी, तो बिल्कुल लड़ूंगा."
बता दें कि प्रशांत किशोर ने कुछ दिनों पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अशोक चौधरी को लेकर कहा था उनका (अशोक चौधरी) राजनीतिक चरित्र क्या है, यह सबको पता है. उन्होंने टिकट खरीदकर अपनी बेटी (शांभवी चौधरी) को सांसद बनवाया. इसी बयान पर अब अशोक चौधरी ने पीके के खिलाफ मानहानि का केस किया है.