Today SHEOHAR News: हाल ही में मशहूर शिक्षक खान सर का रिसेप्शन पटना के एक भव्य बैंक्वेट हॉल में आयोजित किया गया, जिसमें पहली बार उनकी पत्नी भी सार्वजनिक रूप से नजर आईं. इस मौके पर उन्होंने लाल रंग का भारी कढ़ाईदार लहंगा पहना था और चेहरे पर लाल घूंघट किया हुआ था. यह दृश्य सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जहां एक ओर लोग खान सर की सादगी की तारीफ कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग सवाल कर रहे हैं कि मुस्लिम समुदाय में क्या घूंघट का चलन होता है?
इस सवाल का जवाब इतिहास और परंपरा में छिपा है. भारत में पर्दा प्रथा पहले से ही मौजूद थी, लेकिन जब मुस्लिम शासक भारत आए, तो हिंदू महिलाओं के बीच भी घूंघट करने की परंपरा प्रचलित हुई. धीरे-धीरे यह पहनावे का हिस्सा बन गया. इसे अलग-अलग क्षेत्रों में घूंघट, घोमटा, ओढ़नी, ओरहनी जैसे कई नामों से जाना जाता है. मुस्लिम समाज में पर्दा या हिजाब का प्रचलन है, जो एक तरह से घूंघट जैसा ही होता है. हालांकि, यह धार्मिक दृष्टिकोण से ज्यादा होता है. शादी के अवसरों पर मुस्लिम महिलाएं भी अक्सर पारंपरिक परिधानों के साथ घूंघट करती हैं, खासकर भारत और पाकिस्तान में. यह सांस्कृतिक प्रभाव और पारिवारिक परंपरा की पहचान है.
मुस्लिम समाज में पर्दे को धार्मिक रूप से हिजाब के रूप में देखा जाता है, लेकिन यह घूंघट से अलग होता है. हालांकि, शादी-ब्याह जैसे खास मौकों पर कई मुस्लिम महिलाएं भी लाल घूंघट पहनती हैं, जो आज एक सांस्कृतिक परंपरा बन चुकी है. घूंघट का उद्देश्य महिलाओं के चेहरे को ढंकना होता है ताकि अजनबी पुरुष उन्हें न देख सकें हिंदू परंपरा में इसे बड़ों के सम्मान से भी जोड़ा जाता है. दिलचस्प बात यह है कि मुस्लिम समाज में भी पर्दा या चेहरा ढंकने की परंपरा लंबे समय से रही है, लेकिन इसे घूंघट की बजाय हिजाब, नकाब या बुर्के के रूप में पहचाना जाता है.