डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि गर्मी की छुट्टियों से पहले प्रारंभिक कक्षाओं के सभी छात्रों को पाठ्यपुस्तकें हर हाल में उपलब्ध करा दी जाएंगी। इसके अलावा, राज्य के सभी प्रारंभिक विद्यालयों में प्री-स्कूल की व्यवस्था की जाएगी, ताकि आंगनबाड़ी से अधिक बच्चे विद्यालय प्रणाली में शामिल हो सकें। योजना के तहत 40 बच्चे आंगनबाड़ी में और शेष प्री-स्कूल में पढ़ेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि हर कक्षा के वर्ग शिक्षक की यह जिम्मेदारी होगी कि उनकी कक्षा के बच्चे नियमित स्कूल आएं। बच्चों की रुचि बनाए रखने और उन्हें विविध गतिविधियों से जोड़ने के लिए अगले साल से गर्मी की छुट्टियों में समर कैंप आयोजित किया जाएगा, जिसमें नृत्य, खेल और अन्य कलात्मक गतिविधियों को शामिल किया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि केंद्र सरकार की पीएमश्री योजना के तहत चयनित विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। बिहार के कई स्कूल इस योजना में पहले ही शामिल हैं और राज्य सरकार की कोशिश है कि और अधिक विद्यालयों को इस योजना में शामिल किया जाए।
इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि नियुक्ति के पांच साल बाद भी सेवा संपुष्टि नहीं पाने वाले टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों के व्याख्याताओं के मामलों की समीक्षा की जा रही है। संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी और एक सप्ताह के भीतर सेवा संपुष्टि की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि अगले शैक्षिक सत्र के लिए पाठ्यपुस्तकों की छपाई प्रक्रिया को पहले से शुरू कर दिया गया है, ताकि समय से पहले किताबें विद्यार्थियों तक पहुंच जाएं। इस बार किताबों का रिवीजन भी किया जा रहा है, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शैक्षणिक सत्र शुरू होने से एक महीने पहले ही किताबें विद्यालयों में उपलब्ध हों