शुक्रवार (09 मई, 2025) को पटना में CNLU और UNFPA की तरफ से कार्यशाला का आयोजन किया गया था. विशेषज्ञों ने कम उम्र के गर्भावस्था पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक है. विशेषज्ञों ने कहा कि बालिका विकास से संबंधित आंकड़े चौंकाने वाले हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में किशोर गर्भावस्था की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. लैंगिक समानता, शिक्षा, और सामाजिक संरचना पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है.
कम उम्र का गर्भावस्था है नुकसानदेह
कम उम्र के गर्भावस्था से बच्चियों को होने वाले नुकसान पर भी उन्होंने सुझाव दिए. विशेषज्ञों ने कहा कि कम उम्र में गर्भावस्था से बच्चियों का शारीरिक विकास प्रभावित होता है. बच्चियों की शिक्षा भी बीच में छूटने की संभावना रहती है. मानसिक रूप से लड़कियों को फैसला लेने में दुश्वारी आती है. परिपक्वता के अभाव में सामाजिक संरचना पर असर पड़ता है. कार्यशाला में मौजूद विशेषज्ञों ने अनुभव शेयर करते हुए समस्या के समाधन पर सुझाव दिए.
कार्यशाला में विशेषज्ञों ने दिए सुझाव
समाज कल्याण विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने बताया कि ने बताया कि बिहार सरकार लड़कियों के लिए कई योजनाओं का संचालन कर रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, दहेज मुक्त बिहार अभियान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का जिक्र करते हुए कहा कि नीचे तक बालिका विकास से संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन अभी भी चुनौती बना हुआ है. कार्यक्रम को CNLU के कुलपति फैजान मुस्तफा समेत अन्य विशेषज्ञों ने भी संबोधित किया.