इस दौरान क्या होगा?
ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी वाले सायरन बजेंगे
ब्लैकआउट की व्यवस्था की जाएगी, यानी पूरे क्षेत्र की बिजली काट दी जाएगी
रणनीतिक संस्थानों और प्लांट्स को छुपाने (कैमोफ्लाज) की तैयारी की जाएगी
निकासी (evacuation) योजनाओं का अभ्यास किया जाएगा
स्कूलों, कॉलेजों और आम नागरिकों को सुरक्षा उपायों की ट्रेनिंग दी जाएगी
राज्यों से कहा गया है कि वे अपने स्थानीय निकायों और प्रशासनिक इकाइयों के साथ मिलकर इन योजनाओं का परीक्षण करें और यदि ज़रूरत हो तो उन्हें अपडेट भी करें। पाकिस्तान की 11 दिन से जारी गोलाबारी के बीच ड्रिल के निर्देश इस ड्रिल की टाइमिंग विशेष रूप से संदेह और चिंता का विषय बन गई है क्योंकि पिछले 11 दिनों से पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा (LoC) पर लगातार गोलीबारी की जा रही है।
यह गोलीबारी बिना किसी उकसावे के हो रही है, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारत सरकार की यह मॉक ड्रिल ऐसे समय में आयोजित हो रही है जब सीमा पर तनाव चरम पर है और पाकिस्तान अपनी रक्षा तैयारियों को तेज कर रहा है। सीमा चौकियों को मजबूत किया जा रहा है और मिसाइल परीक्षण भी तेज़ी से किए जा रहे हैं।
22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमला बना ट्रिगर
यह सब घटनाक्रम 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सामने आया है। पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे गंभीर आतंकी घटना मानी जा रही है। पाकिस्तान को आशंका है कि भारत इसकी जवाबी कार्रवाई कर सकता है। इसी आशंका के चलते वह अपनी रक्षा तैयारियों में जुट गया है।
नागरिकों को सतर्क रहना होगा
7 मई को होने वाली इस राष्ट्रव्यापी ड्रिल में नागरिकों को न केवल शामिल होने का मौका मिलेगा, बल्कि उन्हें यह सिखाया जाएगा कि हवाई हमले या किसी बड़े आपातकाल के समय कैसे अपनी और दूसरों की जान बचाई जाए। सरकार का यह कदम नागरिक सुरक्षा ढांचे को सशक्त करने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।