SHEOHAR"यह सड़क नहीं, जनता की रीढ़ पर सियासी प्रहार है!"
– सुधीर गुप्ता,
शिवहर।
मकसुदपुर कररिया पंचायत स्थित कटसरी पेट्रोल पंप से लेकर तरवनबा परती तक का रास्ता अब सड़क कम और “गड्ढा गाथा” ज़्यादा बन गया है। यह मार्ग जो कररिया होते हुए तेतरिया, मधुबन और मुज़फ्फरपुर को जोड़ता है, आजकल केवल जनता की हड्डियाँ तोड़ने और नेताजी के वादों की पोल खोलने के काम आ रहा है। हालत ऐसी है कि बाइक पर चलने वाले लोग पहले भगवान का नाम लेते हैं और फिर हेलमेट नहीं, कमरबेल्ट पहनते हैं।
डुमरी ब्लॉक की तो सड़कों की हालत ऐसी है कि लगता है सरकार ने इसे “प्लॉट फॉर पाइल्स एंड स्पाइन इंजरी” घोषित कर दिया है।
गांव-गांव में सड़कों की जगह अब उबड़-खाबड़ चिकित्सा पथ बन चुके हैं, जहां एक बार गुजरने के बाद आदमी सीधा डॉक्टर या हड्डी वाले बाबा के पास पहुंचता है।
जन सुराज के ज़िला सचिव एवं संभावित विधानसभा प्रत्याशी सुधीर गुप्ता ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा –
"सरकारें बदलती हैं, मंत्री आते-जाते हैं, लेकिन सड़क की हालत वही है – टूटी, झूली और शासन की संवेदनहीनता पर मुहर लगाती हुई। डुमरी हो या कररिया, आज हर गांव का रास्ता यही पूछ रहा है — ‘विकास’ नाम का प्राणी आख़िर रहता कहां है?"
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा –
"जनता की पीठ पर राजनीति करने वाले अब सुन लें — यह पीठ अब दर्द नहीं, वोट से जवाब देगी। अगर कटसरी से तरवनबा तक की सड़क नहीं बनी, डुमरी की हालत नहीं सुधरी, तो आने वाला चुनाव इन गड्ढों में ही दफन हो जाएगा।"
शायद अब समय आ गया है कि जनता इन खंडहरों को सिर्फ रास्ता नहीं, “लोकतंत्र की उपेक्षा का स्मारक” मान ले। काश यह सड़क किसी मंत्री जी के ससुराल को जाती, तो अब तक इसे चमका-चमका कर कोरियन टाइल्स से सजाया जा चुका होता।
लेकिन फिलहाल...
"कटसरी से तरवनबा और डुमरी से ध्वनि-हीन नेतृत्व तक का सफर जारी है — जनता की रीढ़ और लोकतंत्र दोनों पर भारी है!"