दरअसल बीजेपी विधायक मिश्रीलाल यादव ने अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी. फैसले में विधायक को तीन महीने का कारावास और 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. दरभंगा में विशेष अदालत के न्यायाधीश-सह-अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट करुणा निधि प्रसाद आर्य ने 29 जनवरी 2019 को उमेश मिश्रा नामक व्यक्ति को जानबूझकर चोट पहुंचाने के लिए फरवरी 2025 में दोनों आरोपियों को तीन महीने के कारावास की सजा सुनाई थी.
क्या बोले मिश्रीलाल यादव?
बीजेपी विधायक ने हिरासत में लिए जाने के दौरान पत्रकारों से कहा, "मैंने एमपी/एमएलए अदालत के फरवरी के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी, जिसमें मामले की सुनवाई गुरुवार को तय की गई थी. अदालत ने मुझे 24 घंटे के लिए हिरासत में रखने का आदेश दिया."
उमेश मिश्रा ने शिकायत में आरोप लगाया कि उस सुबह (29 जनवरी) टहलने के दौरान विधायक और उनके साथियों ने उनके आवास के बाहर उन पर हमला किया था. उमेश मिश्रा ने मिश्रीलाल यादव और सुरेश यादव पर पैसा छीनने के साथ-साथ अपमानित करने और पिटाई करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में कहा गया था कि मिश्रीलाल यादव और सुरेश यादव ने 20-25 लोगों के साथ मिलकर उन पर हमला किया था. इस मामले में अनुसंधानक ने 12 अक्टूबर 2019 को आरोप पत्र समर्पित किया. कोर्ट ने 17 अप्रैल 2020 को संज्ञान लिया था.