न्यायाधीश को 14 मई को सूचित किया गया था कि एजेंसी को कथित घोटाले में लालू प्रसाद पर मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक मंजूरी मिल गई है. आरोप है कि यह कथित घोटाला लालू प्रसाद के केंद्रीय रेल मंत्री रहने के दौरान हुआ था. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आठ मई को धन शोधन मामले में लालू यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी. मुर्मू ने सीआरपीसी की धारा 197(1) (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218) के तहत अनुमति दी थी.
नौकरी के बदले जमीन घोटाला
न्यायाधीश ने 14 मई को कहा था, 'ईडी ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए गृह मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त मंजूरी को रिकॉर्ड में लाने के लिए एक आवेदन दायर किया है.' ईडी की ओर से अधिवक्ता मनीष जैन पेश हुए. मामले की जांच करने वाली ईडी ने पिछले साल अगस्त में 76 वर्षीय लालू प्रसाद, उनके बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.
जनवरी 2024 में, ईडी ने प्रसाद परिवार के एक कथित सहयोगी अमित कत्याल और प्रसाद के परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ अपना पहला आरोप पत्र दायर किया था. इस आरोप पत्र में प्रसाद की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बेटी व सांसद मीसा भारती, एक और बेटी हेमा यादव और दो संबद्ध कंपनियां - ए के इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और ए बी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल थे. अदालत ने हाल ही में इन दोनों आरोप पत्रों (अभियोजन शिकायतों) का संज्ञान लिया था.