Bihar Mid Day Meal: बिहार में मध्याह्न भोजन योजना (मिड डे मील) में अनियमितताओं को लेकर शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अब गड़बड़ी के लिए न केवल स्कूलों के प्रधानाध्यापक जिम्मेदार होंगे, बल्कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, और प्रखंड/जिला साधनसेवी भी कार्रवाई के दायरे में आएंगे।
शिक्षा विभाग को लंबे समय से मिड डे मील योजना में अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थीं। कई स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति में फर्जीवाड़ा, मेनू के अनुसार भोजन न परोसना, और केंद्रीकृत रसोईघर से खराब गुणवत्ता वाला भोजन भेजने की शिकायतें सामने आई हैं। कुछ मामलों में बच्चों की संख्या से कम भोजन आपूर्ति की गई, जिसके कारण कई बच्चों को उचित पोषण नहीं मिल पाया। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए, विभाग ने अब जवाबदेही को हर स्तर पर लागू करने का फैसला किया है।
अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने शुक्रवार, 23 मई 2025 को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश जारी कर कहा कि मिड डे मील में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि किसी स्कूल में योजना के तहत निर्धारित मानकों का पालन नहीं होता या भोजन की गुणवत्ता खराब पाई जाती है, तो न केवल हेडमास्टर, बल्कि संबंधित जिला और प्रखंड स्तर के अधिकारी भी जिम्मेदार होंगे। ऐसे मामलों में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें निलंबन से लेकर अन्य सख्त कदम शामिल हो सकते हैं।
जाहिर है कि मध्याह्न भोजन योजना का लक्ष्य स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है, ताकि उनकी शारीरिक और मानसिक विकास सुनिश्चित हो। यह योजना न केवल बच्चों के पोषण को बेहतर बनाती है, बल्कि स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने, ड्रॉपआउट दर कम करने, और शिक्षा में समानता लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विभाग ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे मेनू का पालन करें और भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें, ताकि बच्चों को बेहतर पोषण मिल सके।