SHEOHAR; शौर्य ,स्वाभिमान,वीरता और त्याग के प्रतीक थे महाराणा प्रताप :: शिक्षक न्याय मोर्चा
शिवहर। शिक्षक न्याय मोर्चा के तत्वावधान में ब्लॉक रोड स्थित जिला कार्यालय श्यामपुर निवास में महाराणा प्रताप की 485 वीं जयंती के पावन अवसर पर उन्हें श्रद्धा पूर्वक याद किया गया तथा उनके तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई । उक्त अवसर पर शिक्षक न्याय मोर्चा के प्रदेश महासचिव अभय कुमार सिंह एवं जिला संयोजक राधेश्याम सिंह ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप परमप्रतापी , प्रचंड शक्तिशाली ,मेधावी ,कठोर से कठोर आघात को वीरता पूर्वक सहन करने की अद्भुत क्षमता वाले योद्धा थे। 9 मई 1540 को मेवाड़ प्रांत में अवतरित हुए महाराणा प्रताप की वीरता, युद्ध कौशल ,अपार शक्ति के धनी एवं उनके युद्ध कौशल में प्रवीण सहयोगी घोड़ा चेतक को दुनिया सलाम करती है । संपूर्ण मुगल सल्तनत एवं मुगल सम्राट अकबर भी प्रताप के वीरता के प्रशंसक थे। महाराणा प्रताप का जीवन परिचय व चरित्र चित्रण अद्वितीय है ,जो इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है । उन्होंने कहा महाराणा प्रताप से स्वयं सम्राट अकबर भी डरते थे और बचपन से लेकर जवानी तक कई बार महाराणा प्रताप से हार कर जान बचाकर भागे, क्योंकि एक पीर बाबा ने अकबर को चेताया था कि प्रताप से सीधा सामने कभी युद्ध नहीं करना नहीं तो तुम्हारी मृत्यु निश्चित है , और यही कारण है कि अकबर कभी भी महाराणा प्रताप के सामने स्वयं सीधा मुकाबला नहीं किया बल्कि छल प्रपंच द्वारा हमेशा लड़ाई किया ।उन्होंने कहा कि जब बड़े-बड़े राज महाराज अकबर के भय से प्रताप का साथ देने नहीं आये और उनकी अधीनता स्वीकार कर ली थी ,उस परिस्थिति में आदिवासी समाज से भील सरदार राना खेता, पूंजा और वैश्य समाज से भामाशाह जैसे राष्ट्र भक्तों ने मुग़लों से लोहा लेने के लिए महाराणा प्रताप का साथ दिया और हल्दी घाटी के मैदान में मात्र 25000 सैनिकों को लेकर अकबर के 85000 सैनिकों के परखच्चे उड़ा दिये थे । उन्होंने कहा कि वास्तव में महाराणा प्रताप शूरवीर होने के साथ-साथ प्रेम करुणा और त्याग के भी प्रतिमूर्ति थे, जिन्होने अपनों के द्वारा गद्दारी और साजिश किए जाने वाले को भी दंडित नहीं किया। उन्होंने कहा की वे हमारे प्रेरणास्रोत हैं और उनके जीवन वृत्त से हमें प्रेरणा लेकर आज हमें भी इन जैसे राष्ट्रभक्त बनने और बनाने के लिए लोगों को प्रेरित करने की जरूरत है।
उक्त अवसर पर राम नरेश सिंह, मुकेश कुमार गुप्ता, सुनील कुमार सिंह, आशीष रंजन, हर्ष रंजन समेत अन्य लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किया।