पोर्टल के जरिए शिक्षक लंबित वेतन भुगतान, अवकाश, सेवा संबंधी शुद्धियां, पीएम पोषण योजना, सरकारी योजना से संबंधित मामले, अन्य विद्यालयों की शिकायतें, भ्रष्टाचार, यौन प्रताड़ना, शिक्षकों के विरुद्ध शिकायतें, स्थानांतरण संबंधी शिकायतें और आपातस्थिति के अलावा शिक्षक अपना सुझाव दे सकते हैं. इस संबंध में बीते सोमवार (28 अप्रैल) को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को अपर मुख्य सचिव ने पत्र जारी किया है.
पत्र जारी कर एसीएस डॉ. एस सिद्धार्थ ने क्या कहा?
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों से कहा है कि शिक्षकों की शिकायतों के निराकरण के लिए विभाग ने कई तरह की व्यवस्था कर रखी है. इसमें जिला और प्रखंड स्तर पर इनकी समस्याओं के निष्पादन के लिए प्रत्येक शनिवार को जनता दरबार का आयोजन भी शामिल है, लेकिन उनकी समस्याओं का स्थानीय स्तर पर दूर नहीं किया जा रहा है. इससे वे (शिक्षक) मुख्यालय में स्थापित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में शिकायत दर्ज कराने लगे हैं, जबकि शिक्षकों द्वारा कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में समर्पित आवेदनों को जिला शिक्षा पदाधिकारी को भेजकर उनका निष्पादन कराया जाता है.
'ऐसा लगता है कि इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा'
अपर मुख्य सचिव का कहना है कि स्थानीय स्तर पर शिक्षकों की समस्याओं का समाधान नहीं होने से बड़ी संख्या में शिक्षक राज्य मुख्यालय पहुंच जाते हैं. कभी-कभी तो ऐसा भी देखा गया है कि वे अपने पूरे परिवार के साथ अपनी समस्याएं लेकर वरीय पदाधिकारियों से मिलने सचिवालय पहुंच जाते हैं. इससे शिक्षकों को व्यक्तिगत कठिनाई तो होती है राज्य मुख्यालय का कार्य भी बाधित होता है. उन्होंने कहा, "बार-बार क्षेत्रीय पदाधिकारियों को कहा गया है कि वे स्थानीय स्तर पर ही शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करें. उन्होंने अपने पत्र में यह भी कहा है कि ऐसा लगता है कि इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है."
अपर मुख्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह वेबसाइट मूल आवेदन के लिए नहीं है. शिक्षक अपना मूल आवेदन अभी भी स्थानीय प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी को ही समर्पित करेंगे. यदि उनके स्तर पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो वे अपनी शिकायत इस पोर्टल में दर्ज कर सकते हैं. जबकि आम लोग पहले की तरह अपनी शिकायत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से दर्ज करा सकते हैं.