Sahara India News:सहारा इंडिया में पिछले एक दशक से अधिक समय से लाखों निवेशकों की मेहनत की कमाई फंसी हुई है। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों में लोग अपनी जमा पूंजी वापस पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। इन निवेशकों में अधिकांश छोटे किसान, मजदूर, और मध्यमवर्गीय परिवार हैं, जिन्होंने अपनी बचत को बच्चों की पढ़ाई, शादी, या भविष्य की सुरक्षा के लिए सहारा इंडिया की योजनाओं में निवेश किया था। नवगछिया में हाल ही में बिहार के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार के साथ निवेशकों की मुलाकात और उनके दर्दनाक अनुभवों ने एक बार फिर इस मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है।सहारा इंडिया के निवेशकों की तस्वीरें उनके संघर्ष और निराशा की कहानी बयां करती हैं। नवगछिया में आयोजित कार्यक्रम में सैकड़ों जमाकर्ता एकत्र हुए, जिनमें बुजुर्ग, महिलाएं, और युवा शामिल थे। कुछ निवेशकों के हाथों में सहारा के बॉन्ड और रसीदें थीं, जो उनकी जमा पूंजी का एकमात्र सबूत हैं। इन तस्वीरों में लोग अपनी आपबीती सुनाते हुए भावुक नजर आए, कुछ ने तो अपनी आर्थिक तंगी के कारण परिवार के टूटने तक की बात कही।
बिहार के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने सहारा इंडिया के जमाकर्ताओं को एक बड़ी राहत की खबर दी है। गुरुवार को नवगछिया में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने घोषणा की कि केंद्र सरकार सहारा इंडिया में पिछले 10 साल से फंसे लोगों के पैसे वापस दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस महत्वपूर्ण कार्य को केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह की अगुवाई में अंजाम दिया जा रहा है। सहारा इंडिया की संपत्ति को सरकार ने पहले ही जब्त कर लिया है, और अब इसी संपत्ति से जमाकर्ताओं को उनका हक वापस दिलाने की योजना बनाई जा रही है।
नवगछिया में आयोजित कार्यक्रम में सहारा इंडिया के सैकड़ों जमाकर्ताओं ने मंत्री डॉ. प्रेम कुमार से अपनी पीड़ा साझा की। उन्होंने बताया कि उनके मेहनत की कमाई पिछले एक दशक से सहारा इंडिया में अटकी हुई है, जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति बदहाल हो चुकी है। कई जमाकर्ताओं ने अपनी जमा पूंजी को बच्चों की पढ़ाई, शादी, और इलाज जैसे जरूरी कार्यों के लिए निवेश किया था, लेकिन पैसे न मिलने से वे भारी संकट में हैं।
मंत्री ने जमाकर्ताओं की बात को गंभीरता से सुना और तत्काल राहत का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार और सहकारिता मंत्रालय इस मामले को प्राथमिकता पर ले रहा है। सहारा की जब्त संपत्ति से जमाकर्ताओं को भुगतान किया जाएगा। बिहार में जल्द ही सभी प्रभावित जमाकर्ताओं की सूची तैयार की जाएगी, और भुगतान की प्रक्रिया शुरू होगी।
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह इस मामले में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। 18 जुलाई 2023 को उन्होंने सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया था, जिसके जरिए उन निवेशकों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिनके निवेश की परिपक्वता अवधि पूरी हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सहारा-सेबी फंड में जमा 24,000 करोड़ रुपये में से 5,000 करोड़ रुपये केंद्रीय रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (सीआरसीएस) को हस्तांतरित किए गए हैं, ताकि जमाकर्ताओं को भुगतान किया जा सके।
बिहार सरकार ने भी इस दिशा में कदम उठाए हैं। पिछले साल अगस्त में, राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे सहारा के निवेशकों को रिफंड पोर्टल पर दावा दर्ज करने के लिए प्रोत्साहित करें। इस प्रक्रिया में जमाकर्ताओं को अपने दस्तावेज, जैसे निवेश से संबंधित प्रमाण पत्र और पहचान पत्र, जमा करने होंगे। सहारा की चार सहकारी समितियों—सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी, और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी—के निवेशकों को इस पोर्टल के माध्यम से राहत दी जा रही है।
डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि बिहार में सहारा इंडिया के जमाकर्ताओं की एक विस्तृत सूची तैयार की जाएगी। इस सूची में प्रत्येक जमाकर्ता का नाम, निवेश की राशि, और अन्य आवश्यक विवरण शामिल होंगे। इसके आधार पर भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से पूरा किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सहारा के एजेंटों की भूमिका को स्पष्ट करने के लिए पोर्टल पर दिशा-निर्देश उपलब्ध हैं, ताकि जमाकर्ताओं को किसी तरह की असुविधा न हो।
मौजूदा स्थिति में, सहारा इंडिया के जमाकर्ताओं को अपने निवेश से संबंधित सभी दस्तावेज, जैसे बॉन्ड, रसीद, और पासबुक, को संभालकर रखें।
रिफंड पोर्टल पर दावा दर्ज करें: सहारा रिफंड पोर्टल (https://mocrefund.crcs.gov.in) पर जाकर अपने दावे को ऑनलाइन दर्ज करें।
बिहार में स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर सूची में अपना नाम शामिल करवाएं।भुगतान की प्रक्रिया में समय लग सकता है, लेकिन सरकार ने इसे प्राथमिकता दी है।
सहारा इंडिया के जमाकर्ताओं के लिए यह खबर किसी उम्मीद की किरण से कम नहीं है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह और बिहार सरकार के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार के आश्वासनों ने लाखों निवेशकों में भरोसा जगाया है। जब्त संपत्ति से भुगतान और जमाकर्ताओं की सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होने के साथ, जल्द ही प्रभावित लोगों को उनकी मेहनत की कमाई वापस मिलने की उम्मीद है।